Tuesday, June 4, 2013

रात के ख़्याल

फिर इक नयी रात है.. एक ख्याल है..इक बात है..
कोई चेहरा है धुंधला सा..कुछ जाना सा पहचाना सा..

आज ये सब मेरे साथ है.. कभी मन में कभी दिल में..

कभी तकिये के पास तो कभी धडकनों में...

बस इतनी सी ही तो बात है...

लेकिन महसूस हो रहा कुछ "ख़ास" है...

                 ....कुछ "ख़ास" है...!!


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ज़िन्दगी दिखाती है राहें बहुत..

खड़े करती है सवाल भी बहुत..

किस राह जाऊं...किस दिशा जाऊं...

इसके अनगिनत सवालों के जवाब कहाँ से लाऊं...

कर देती है कई बार बड़ा बेचैन...

तभी तो ये ज़िन्दगी तड़पाती है बहुत...

Source: Unknown